इस Article में हम घर्षण के प्रकार (Types of friction in Hindi) के बारे में पढ़ेंगे। जिसमे घर्षण के सभी प्रकार के बारे में पूरी तरह से जानेगे।
घर्षण क्या है ? (What is friction in Hindi)
यदि हम किसी क्षैतिज मेज पर राखी वस्तु को धकेल दे तो तो वस्तु थोड़ा चलने के बाद विराम अवस्था में आ जाती है। अत : वस्तु पर कोई ऐसा बल कार्यरत है, जो इसकी गति का विरोध करता है। इसी बल को घर्षण बल कहते है।
घर्षण के प्रकार (Types of friction in Hindi )
1. स्थैतिक घर्षण
2. सीमान्त घर्षण
3. गतिक घर्षण
1. स्थैतिक घर्षण
जब किसी स्थिर वस्तु पर बल लगाते है। तो उसमे किसी भी प्रकार का विस्थापन उत्पन्न नहीं होता है या वस्तु हालति नहीं है। तो वो वस्तु स्थैतिक घर्षण में होती है।
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जब किसी वस्तु पर बाह्य बल कार्य करता है। लेकिन, वस्तु फिर भी गति नहीं करती है। ऐसी दशा में वस्तु पर जो बल कार्य करता है, उसे स्थैतिक घर्षण बल कहते है। ये भी है, की यदि वस्तु पर बल का मान धीरे – धीरे बढ़ाया जाये तो जब तक वस्तु पूर्ण रूप से गति न करने लगे तब तक उसपे स्थैतिक घर्षण बल कार्यरत रहता है। इसे fs से प्रदर्शित करते है।
स्थैतिक घर्षण के नियम
एक दुसरे के संपर्क में रखे दो वस्तुओ के बीच घर्षण बल की दिशा हमेशा उनकी गति की दिशा के विपरीत होती है।
यह बल एक स्व – समंजन बल है । ये आरोपित बल के बढ़ने पर तब तक बढ़ता है। तब तक आरोपी गति रुक न जाये।
2. सीमान्त घर्षण
स्थैतिक घर्षण बल ( fs ) के अधिकतम मान को ही सीमान्त घर्षण बल कहते है।
सीमान्त घर्षण बल के नियम
सीमान्त घर्षण बल का परिमाण संपर्क संपर्क तलो की प्रकृति पर निर्भर करता है।
दिए गए तलो के लिए घर्षण बल संपर्क तलो के स्पर्शरेखीय एवं समान्तर होता है।
3. गतिज घर्षण
यदि बाह्य बल को धीरे धीरे बढ़ाया जाये तो वह धीरे धीरे गति करने लगती है। जब वस्तु गति करने लगे तो उसकी सतहों के मध्य जो बल कार्य करता है उसे गतिज घर्षण बल कहते है।
गतिक घर्षण अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुक्रमानुपाती होता है और सदैव स्थैतिक घर्षण से कम होता है।
यह घर्षण वस्तु वेग पर निर्भर नहीं करता है।