Physics

नाभिकीय ऊर्जा के लाभ और हानि ( nuclear energy advantages and disadvantages in Hindi )

नाभिकीय ऊर्जा के लाभ और हानि

इस Article में नाभिकिय ऊर्जा क्या है ? ( Nuclear Energy in Hindi ), नाभिकीय ऊर्जा का महत्व ( Importance of Nuclear Energy in Hindi ), नाभिकीय ऊर्जा के लाभ और हानि ( nuclear energy advantages and disadvantages in Hindi ) आदि के बारे में पढ़ेंगे।

नाभिकीय ऊर्जा क्या हैं।

जब दो या दो से अधिक भारी नाभिको का हल्के नाभिकों में अपघटन होता है अर्थात नाभिकीय विःखंडन होता हैं या दो या दो से अधिक नाभिक छोटे टुकड़ों में टूट जाते है या फिर दो या दो से अधिक छोटे नाभिक मिलकर बड़े नाभिक का निर्माण करते है ,इन सभी घटनाओं में ऊर्जा की मात्रा प्राप्त होती है एवम इसी ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा कहते है।

Also Read – अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में अंतर (Difference between transverse and longitudinal waves in Hindi )

नाभिकीय विखंडन

जब दो भारी नाभिक टूटकर हल्के नाभिक बनाते है तो इस घटना को नाभिकीय विखंडन कहते है।नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में मुख्य रूप से यूरएनियम का कच्चे पर्दाथ के रूप में उपयोग होता है।कही जगह पर इसको खोदकर भी प्राप्त किया जाता हैं।

उसके बाद इन्हें छोटी गोलियां में परिवर्तित किया जाता है।इन गोलियों को रिएक्टर में डाला जाता हैं।रिएक्टर में गोलियां यूरेनियम की श्रृंखला अभिक्रिया से छोटे टुकड़ों में टूट जाती है।जब नाभिकीय ऊर्जा का उत्पादन होता है तब श्रृंखला अभिक्रिया के वक्त ऊष्मा ऊर्जा का उत्पादन होता है इस ऊष्मा ऊर्जा का प्रयोग रिएक्टर के कोर में जो भारी जल होता है उसको गर्म करने के लिए किया जाता है।

और जब नाभिकीय ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तब भी श्रृंखला अभिक्रिया से उत्पन ऊर्जा का ही उपयोग होता हैं।नाभिकीय कोर के चारो ओर जो भारी जल उपस्थित होता हैं उसे ऊर्जा प्लांट के भिन्न भिन्न खंड में भेजा जाता हैं।यह जल स्थित पाइपो को गर्म करता है और इससे भाप उत्पन्न होती है।इससे प्राप्त वाष्प का उपयोग टरबाइन चलाने में किया जाता है। इसके बाद इससे बिजली की प्राप्ति होती हैं।

नाभिकीय ऊर्जा का महत्त्व

नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग बहुत जगह किया जाता है ।

इसका उपयोग विद्युत उत्पादन में होता है।नाभिकीय रिएक्टर से जो ऊष्मा मिलती है उसका उपयोग भाप बनाने में किया जाता है ,जिसके बाद उससे बिजली बनती है। वर्ष 2009 में दुनिया की 15% बिजली का उत्पादन नाभिकीय ऊर्जा से हुआ था।

अंतरिक्ष में नाभिकीय ऊर्जा के विखंडन तथा संलयन दोनो का ही उपयोग होता है।

नाभिकीय ऊर्जा के लाभ

इसके निर्माण में CO2 की कम मात्रा का उत्पादन होता है इसकी वजह से पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती है। अत: नाभिकीय ऊर्जा ग्लोबल वार्मिग में किसी भी प्रकार का योगदान नही देती।
नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में केवल एक प्रकार की ईकाई ही उपयोग में आती है।
ये नाभिकीय ऊर्जा का महत्त्व है।

नाभिकीय ऊर्जा की हानिया

जब नाभिकीय ऊर्जा का उत्पादन होता है तब बहुत अधिक मात्रा में कार्बनिक अपशिष्ट का निर्माण होता है और इस अपशिष्ट को सुरक्षित निबटान की समस्या बनी रहती है।
अगर नाभिकीय ऊर्जा बनाते समय किसी प्रकार की दुर्घटना हो जाए तो उससे बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है और इस प्रकार की दुर्घटना में बड़े खतरे की भी संभभना होती हैं।
नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में जो धातु उपयोग में आता है वह यू रनियम हैं जो प्रकृति में बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है।कुछ सूत्रों के अनुसार आने वाले 30 से 60 वर्षो में ये खत्म होने की कगार पर होगा।

About the author

adminagricultureinhindi

मेरा नाम विशाल राठौर है। मै इस Website का लेखक हूँ। इस Website पे मै Agriculture Study के लेख प्रकाशित करता हूँ।

Leave a Comment