इस Article में हम अनुदैर्ध्य तरंग (longitudinal waves in Hindi ) के बारे में पढ़ेंगे। इसमें पढ़ेंगे अनुदैर्ध्य तरंग किसे कहते है ?, अनुदैर्ध्य तरंग क्या है ?, अनुदैर्ध्य तरंग की परिभाषा, अनुदैर्ध्य तरंग के गुण, अनुदैध्य तरंग की विशेषताए आदि।
अनुदैर्ध्य तरंग किसे कहते है ?
अनुदैर्ध्य तरंग उन तरंगो को कहते है जिसमे माध्यम के कणों का विस्थापन या तो तरंग की दिशा में होगा या फिर तरंग की विपरीत दिशा में होता है। अनुदैर्ध्य तरंग को एल तरंग के नाम से भी जाना जाता हैं।
अनुदैर्ध्य तरंगो के कुछ उदाहरण कुछ इस प्रकार है जैसे वायु में उतपन्न तरंग तथा द्रव के अंदर कोई उतपन्न तरंग।
प्रकाश की विद्युत चुम्बकीय तरंग भी इसी प्रकार की तरंग में आती है।
अनुदैर्ध्य तरंगो जब किसी माध्यम में चलती है तो वे संपीड़न तथा विरल के माध्यम से चलती है । जब इन तरंगो में माध्यम के कण एक दूसरे के पास होते है तो उसे संपीड़न कहते है।तथा जब इन स्थनो पर माध्यम के कण दूर दूर होते है तो उसे विरलन कहते है।
इस प्रकार एक तरंग में एक संपीड़न की दूसरे संपीड़न से निकटतम दूरी तथा दूसरे विरलन की उसके निकटतम विरलन से दूरी अनुदैर्ध्य तरंग की तरंगदैर्ध्य कहते है।
अनुदैर्घ्य तरंग की परिभाषा
“जब किसी माध्यम में तरंग के संचरण होने पर माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के अनुदिश कंपन करते हैं तो उस तरंग को ‘अनुदैर्ध्य तरंग’ कहते हैं।”
Credit From – Hindiamrit
अनुदैर्ध्य तरंगो के कुछ खास गुण
1.अनुदैर्ध्य तरंगो का विस्थापन ठोस ,द्रव तथा गैस तीनो ही माध्यम में हो जाता हैं।
2.कणों का विस्थापन तरंग की दिशा की ओर ही होता है।
3. इसमें कणों की गति संपीड़न तथा विरलन में माध्यम से होती है तथा ये इसी प्रकार आगे बढ़ते है।
4.जब अनुदैर्ध्य तरंगो में विस्थापन तरंग वक्र खींचा जाता है तो ये वक्र निश्चित समय पर कुछ कणों की स्थिति को निरूपित करता हैं।
अनुदैर्ध्य तरंग की विशेषताए
यांत्रिक अनुदैर्ध्य तरंग का दूसरा नाम संपीडन तरंग है। इनको संपीडन तरंग इसलिए कहते है क्योंकि जब ये तरंग माध्यम में संचरण करती है तो माध्यम के अंदर संपीडन तथा विरलन का संचार होता है।अनुप्रस्थ तरंग बिल्कुल इनसे भिन्न तरंगे है।
अगर हम अनुदैर्ध्य तरंग के उदाहरण की बात करे तो ध्वनि तरंग एक प्रकार की अनुदैर्ध्य तरंग है।तथा भूकंप तथा विस्फोट के कर कारण उत्पन्न हुई तरंग भी अनुदैर्ध्य तरंग है।
अब हम अनुदैर्ध्य ध्वनि तरंगो का अध्ययन करेंगे।
अनुदैर्ध्य ध्वनि तरंगो को वक्यत करने के लिए एक समीकरण का उपयोग लेते है।
y(x,t) = yocos (w(t-x/c)
अब इस सूत्र का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
यहां y = गतिशील तरंग का अपनी मूल स्थिती से विस्थापन है।
x = तरंग के स्रोत की वह दूरी है जहा पर तरंग पहले ही पहुंच चुकी है।
यहां t = बीते हुए समय को दर्शाता है।
Yo = कम्पन का आयाम प्रदर्शित करता है।
C = तरंग की चाल है तो
W = तरंग की कोणीय आवर्ती है।
इस सूत्र के अनुसार तरंग को x दूरी तय करने में भी x/c समय लगता है।